सवाल
- Kriti Bordia

- Aug 28, 2019
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कहाँ गया वो घर बनाने का सपना
या चूर ही हो गया अपनी वालदेन की शोहरत में?
कहाँ गया वो ख़्वाब आलिशान इमारत में
ऊँचि मंज़िले पे दफ़्तर होने का
या लापता ही हो गया जीवन की मंज़िल ढूँढने में?
कहाँ गयी वो सोच अपना नाम रौशन करने की
या ओझ़ल ही हो गयी राह खोजने में?
कहाँ गयी वो जीने की तमन्ना और
शौख़ की अपार फ़ेहरिस्त
या वो भी खो गयी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में?

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