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तुम से अलग नही हुँ मैं

  • Writer: Kriti Bordia
    Kriti Bordia
  • Mar 26, 2017
  • 1 min read

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प्यार है तुमसे मुझे

यह कहना चाहती हुँ दुनिया से ।

ऐक बार इकरार कर के तो देखो

तुम से अलग नही हुँ मैं ॥


तुम्हारा मेरे साथ होना,

ऐक हसीन सपना लगता है ।

तुम ना हो तो,

यह जीवन अधुरा लगता है ॥


हर पल कहना चाहुँ,

कि तुमसे है मुझे बेहद मोहब्ब्त ।

हर लब्ज़ मेरा यहि जताता है अब तक ॥


काश तुम इस छोटे से पन्ने को देख कर समझो,

क्या किमत है तुम्हारी मेरे मन में ।

काश तुम इस छोटी सी लिखावट को पढ़कर समझो,

क्या जगह है तुम्हारी मेरे दिल में ॥


हर घड़ी याद करती हुँ तुम्हे,

तुम आओगे मुझसे मिलने,

यही सोच कर तस्सल्ली कर लेती हुँ,

और इसी ख्वाइश को लेकर

तुम्हारी आस में दो पल जी लेती हुँ ॥


तुमसे बड़ी तमन्नायें जुड़ी हैं,

पास आकर इन्हें बुझो तो जानो ।

आशा है तुम्हे यकीन ज़रुर हो,

कि तुमसे अलग नहीं हुँ मैं ॥

आशिक़

यकी़ं सिर्फ़ ज्ञान और फ़लसफ़े में मुझ को किया इश्क़-ए-मजाज़ी से तुने आशना मुझ को बे-मुद्दआ होना था या खु़दा मुझ को किया इहया उससे...

 
 
 

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