जो है, जो नहीं
- Kriti Bordia

- Oct 23, 2018
- 1 min read
ना बचपन की मस्ती, ना जवानी का जोश,
ना उम्मीद की किरन, ना जीने का मकसद,
ना दिलचस्पी की भनक, ना रूह का एहसास,
ना गहराई की समझ, ना सच का अंदाज़ा,
ना असीरी की खुशी, ना आज़ादी का मज़ा,
बस है
चित्रपट की ज़िन्दगी और अधीनता का साया ॥

Comments